Enterprise Meaning in Hindi | Enterprise क्या होता है 

5/5 - (2 votes)

Enterprise Meaning in Hindi | Enterprise in Hindi | Business Enterprise Meaning in Hindi

बिजनेस और कॉरपोरेट सेक्टर में Enterprise शब्द काफी ज्यादा सुनने को मिलता है। आप ने Amber enterprise, Brigade enterprise जैसे नाम तो सुना ही होगा। कई बार हम Enterprise के जगह पर company, business या venture जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी देखते हैं। पर एंटरप्राइज (Enterprise) का मतलब क्या है? क्या एंटरप्राइज और कंपनी एक ही है ? आज के इस पोस्ट Enterprise meaning in Hindi में हम आप को एंटरप्राइज के बारे में विस्तार पूर्वक बताने वाले हैं। ऐसे में अगर आपको एंटरप्राइज के बारे में जानना हैं, तो इस लेख को पूरा पढ़ें।  

Enterprise Meaning in Hindi 

Enterprise Meaning in Hindi या एंटरप्राइज (Enterprise) का अर्थ होता है कोई प्रतिष्ठान, बिजनेस, कंपनी, उद्यम या संस्था जिसे व्यापार करने के उद्देश्य से बनाया गया हैं। आसान शब्दों में कहें, तो एंटरप्राइज वो कंपनी होती है जो अपने प्रोडक्ट या सर्विस बेचकर प्रॉफिट कमाती हैं। एंटरप्राइज प्रॉफिट कमाने के लिए अक्सर बड़े रिक्स लेती है। 

Enterprise क्या होता हैं ? 

Enterprise ऐसी कंपनी होती है, जो व्यापार करती हैं और व्यापार करके बड़े स्तर पर प्रॉफिट कमाती है। ये कंपनी फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होती है। एंटरप्राइज का संचालन करने के लिए बहुत सारे लोगों की आवश्यकता पड़ती है। एंटरप्राइज गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनों तरह की कंपनी हो सकती हैं। Non profit organization, Cooperative ventures भी एंटरप्राइज के अंदर आते हैं। क्योंकि ये बड़े संस्था होते हैं और उनका संचालन भी बड़े पैमाने पर होता हैं। एंटरप्राइज के अलग-अलग size होते हैं, कुछ एंटरप्राइज छोटे होते हैं, तो कुछ बहुत ही बड़े होते हैं।  एंटरप्राइज में क्योंकि बड़े पैमाने पर काम होता है इसलिए यहां सभी hierarchical structure में काम करते हैं।

एंटरप्राइज में आप को ऊपर से नीचे अलग अलग levels देखने को मिलेगा। एंटरप्राइज में सबसे ऊपर मैनेजमेंट और सबसे नीचे लेबर होता है। कोई एंटरप्राइज कितना अच्छा काम कर रही है या फिर यूं कहे की कितनी सक्सेसफुल है, इसका अंदाजा उसके प्रॉफिट या सेल्स को देखकर तो लगाया जाता हैं साथ ही उनके सक्सेस का अंदाजा इस चीज से भी लगाया जाता है कि वो अपने टारगेट को कितनी जल्दी पूरा कर रहे हैं। एक एंटरप्राइज के लिए खुद को शुरुआत में खड़ा करना काफी मुश्किल होता है। क्योंकि एंटरप्राइज के ऊपर मार्केट कंडीशन, इकोनॉमी, लोगों की पसंद/ नापसंद, डिमांड सारी चीजों का प्रभाव पड़ता है। 

इसलिए मार्केट में खुद को बनाए रखने के लिए एंटरप्राइज को समय-समय पर अपने goals में और काम करने के तरीके में बदलाव लाना पड़ता हैं। जो एंटरप्राइज अपने goals को पूरा करता है और long term के बारे में सोचते हैं, वही हमेशा अपने कंपटीशन से आगे रहता है और । 

एंटरप्राइज का उदाहरण ( Example of Enterprise in Hindi ) 

कोई भी व्यवसाय, उद्योग या फिर कंपनी जिसमें एक एंटरप्राइज के सभी गुण मौजूद हो और जो अपने व्यवसाय से प्रॉफिट कमाता हैं, वो एंटरप्राइज कहलाता हैं। 

  • कोई छोटा सा व्यवसाय भी एंटरप्राइज हो सकता है। 
  • अगर उस व्यवसाय में एंटरप्राइज का मालिक अपने ग्राहकों को सामान बेचकर लाभ कमाता है तो! 
  • अगर किसी छोटे से व्यवसाय में मालिक के नीचे अगर कुछ कर्मचारी काम कर रहे हैं और बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए स्ट्रेटजी बना रहे हैं। तब ये छोटा सा व्यवसाय भी एंटरप्राइज कहलाएगा। 

इस तरह के छोटे व्यवसाय की सफलता उसके बैलेंस शीट से या फिर इनकम स्टेटमेंट से नहीं बल्कि उसके कस्टमर को दिए जाने वाले सर्विस, प्राइस और कस्टमर सेटिस्फेक्शन से मापी जाती है। 

एंटरप्राइज में कौन-कौन से बिजनेस आते हैं? 

एंटरप्राइज कई अलग-अलग प्रकार के होते हैं, एंटरप्राइज के अंदर मुख्य रूप से यह सारे बिजनेस आते हैं – 

  1. एकल स्वामित्व (Sole proprietorship) 

एकल स्वामित्व, आप कह सकते हैं कि सबसे छोटा एंटरप्राइज होता है। क्योंकि इसे केवल एक व्यक्ति के द्वारा व्यवसाय का संचालित किया जाता है। किराने की दुकान, fast food बिजनेस सभी sole proprietorship के अंदर आते है। 

  1. पार्टनरशिप (Partnership) 

जैसा कि नाम से ही समझ आ रहा है, जो बिजनेस दो या दो से अधिक लोगों के द्वारा साथ मिलकर चलाया जाता हैं, उसे पार्टनरशिप कहते हैं। जैसे अगर दो लोग मिलकर कोई रेस्टोरेंट चलाएं, तो वह पार्टनरशिप के अंदर आएगा। 

  1. लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी (Limited liability company or LLC ) 

लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी, ऐसी कंपनी होती है जिसमें एकल स्वामित्व और पार्टनरशिप दोनों के ही गुण देखने को मिलते हैं। यह एक ऐसा बिजनेस होता है जिसमें कंपनी के मालिक या फिर यूं कहे कि पार्टनर्स बिजनेस के नुकसान और debt के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं होते हैं। 

इस कंपनी में बिजनेस के मालिक बिजनेस में नुकसान होने पर अपने personal assets से बिजनेस की liability की भरपाई नहीं करते है। जिस कंपनी के नाम के पीछे LLC लगा हो, आप समझ लीजिए कि वो एक लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी है। जैसे- ABC LLC. 

  1. कॉरपोरेशन ( Corporation ) 

कॉरपोरेशन जिसे हम आमतौर पर कंपनी कहते हैं एक separate legal entity होती है। इस तरह के एंटरप्राइज को शुरू करने वाले और इसके मालिक आमतौर पर अलग-अलग व्यक्ति होते हैं। क्योंकि कंपनी का शेयर्स खरीद कर कोई भी कंपनी का मालिक बन सकता है। कंपनी को जो लोग शुरू करते है उन्हें फाउंडर कहा जाता हैं। Reliance industry, Tata motors, ITC सभी कोरोपोरेशन के अंदर ही आते हैं। 

  1. सोशल एंटरप्राइज ( social enterprise)  

ऐसे एंटरप्राइज जो प्रॉफिट कमाने के साथ-साथ सोशल व एनवायरमेंट का भी ध्यान रखते हैं, उसे सोशल एंटरप्राइज कहते हैं। जैसे – Aravind Eye care, Amul, Ladki Women’s Travel Agency इत्यादि। 

  1. सहकारिता ( Co – operative)

ऐसे बिजनेस जिसके कई सारे स्वामी होते हैं और जिसे कई सारे लोगों के द्वारा संचालित किया जाता है, उसे सहकारिता कहते हैं। जैसे – UP किसान डेवलपमेंट कोऑपरेटिव सोसाइटी, विशाखापट्टनम कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड। 

  1. मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन (Multinational Corporation or MNC) 

ऐसे व्यवसाय जो बहुत से देश में अपना बिजनेस करती है, उसे मल्टीनैशनल कॉरपोरेशन कहते हैं। इस तरह के बिजनेस का सबसे अच्छा उदाहरण Coco cola industry हैं। 

  1. फ्रेंचाइजी (Franchise)

ऐसे एंटरप्राइज जो पहले से ही स्थापित कंपनी या फिर ब्रांड से लाइसेंस लेकर उनके कंपनी का ब्रांच किसी और जगह पर खोलते हैं और Main कंपनी द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार अपने बिजनेस को चलाते हैं, उसे फ्रेंचाइजी कहते हैं। KFC, McDonald’s, Starbucks फ्रेंचाइजी के अच्छे उदाहरण है। 

  1. छोटे और मध्यम उद्यम (Small and Medium enterprises or SMEs) 

ऐसे व्यवसाय जो छोटे और मध्यम आकार के होते हैं और जिसे मुख्य रूप से स्थानीय व क्षेत्रीय स्तर पर संचालित किया जाता है उसे छोटे और मध्यम उद्यम कहते हैं। जैसे – Bakery shop.

  1. राज्य के स्वामित्व वाला उद्यम (State-Owned Enterprise)

ऐसे व्यवसाय जो सरकार द्वारा संचालित होते हैं और जिनका उद्देश्य जनता की भलाई करने के साथ लाभ कमाना होता है, उसे राज्य के स्वामित्व वाला उद्यम कहते हैं। भारतीय रेलवे राज्य के स्वामित्व वाला उद्यम का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं। 

Business Enterprise Meaning in Hindi 

ऐसे ऑर्गेनाइजेशन जिनका उद्देश्य अपने प्रोडक्ट या सर्विस बेचकर लाभ कमाना होता है, उसे बिजनेस एंटरप्राइज कहते हैं। जैसे आप कोका-कोला कंपनी को ही देख लीजिए, इस कंपनी में employees को resources के रूप में उपयोग करके कोका-कोला बनाया जाता है और उसे ग्राहकों को बेचकर profit generate किया जाता हैं। 

Commercial Enterprise Meaning in Hindi 

ऐसे एंटरप्राइज जो प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन, product व service और sales के लिए जिम्मेदार होते हैं तथा जिनका मकसद बिजनेस करके प्रॉफिट जनरेट करना होता है, उसे कमर्शियल एंटरप्राइज कहते हैं। इस तरह के एंटरप्राइज अपने कस्टमर के सेटिस्फेक्शन का ध्यान रखते हैं। 

एक कमर्शियल एंटरप्राइज के अंदर कोई fast food chain business भी शामिल हो सकता है क्योंकि यह अपने कस्टमर फूड डिलीवर करके प्रॉफिट कमाता हैं। इस तरह के एंटरप्राइज को अच्छे से चलाने के लिए बिजनेस को अच्छे से डिजाइन करना पड़ता है। 

Social Enterprise Meaning in Hindi 

ऐसी संस्था जो प्रॉफिट कमाने के साथ एनवायरनमेंट के बारे में अच्छे से सोचते हैं, उसे सोशल एंटरप्राइज कहते हैं। इस तरह के एंटरप्राइज अपने बिजनेस का संचालन करने के लिए पर्यावरण का नुकसान नहीं करते हैं। इस तरह के एंटरप्राइज अपने रिसोर्सेस को रिसाइकल करके नए प्रोडक्ट का निर्माण करते हैं। 

Enterprise में क्या क्या आता है? 

ज्यादातर एंटरप्राइज बड़े पैमाने पर काम करते हैं इसलिए उनका संचालन भी बहुत सारे लोगों द्वारा होता है। एक एंटरप्राइज के अंतर्गत निम्नलिखित चीजें आती है – 

  • मैनेजमेंट – एक एंटरप्राइज में मैनेजमेंट सबसे टॉप पर होते हैं। बिजनेस के सारे फैसले इन्हीं के द्वारा लिए जाते हैं। मैनेजमेंट के अंदर बिजनेस एग्जीक्यूटिव और लीडर्स शामिल होते हैं। ये लोग बिजनेस को Grow करने के लिए strategy बनाते हैं और बिजनेस के सारे इंटरनल अफेयर्स के लिए जिम्मेदार होते हैं। एक तरह से आप यह समझ सकते हैं कि बिजनेस का पूरा कंट्रोल इन्हीं लोगों के हाथ में होता है। 
  • कर्मचारी या मजदूर – किसी भी एंटरप्राइज में कर्मचारियों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि ये वह लोग होते हैं, जो एंटरप्राइज के अंदर रहकर प्रोडक्शन का काम संभालते हैं।‌ ये लोग प्रोडक्ट का निर्माण करते हैं और उसे ग्राहक को बेचते हैं। अगर एंटरप्राइज में कर्मचारी ना हो तो एंटरप्राइज का काम रुक सकता है। 
  • टेक्नोलॉजी – एंटरप्राइज में टेक्नोलॉजी का भी बहुत बड़ा महत्व होता है। क्योंकि टेक्नोलॉजी के द्वारा प्रोडक्शन को और एंटरप्राइज के कार्य संचालन को बेहतर किया जाता हैं। 
  • प्रोडक्ट या सर्विस – ये एंटरप्राइज का आधार माना जाता हैं ‌क्योंकि एंटरप्राइज प्रोडक्ट या सर्विस का निर्माण करके व उसे बेचकर ही एंटरप्राइज प्रॉफिट कमाते हैं। 
  • Operation department – एंटरप्राइज के अंदर होने वाले सारे ऑपरेशन, रिसोर्सेस और process को मैनेज करने का काम ऑपरेशन डिपार्टमेंट के द्वारा किया जाता है। 
  • Finance department – एंटरप्राइज को चलाने के लिए finance को मैनेज करने और उसे allocate करने का काम Finance department के द्वारा किया जाता है। 
  • Marketing and sales – एंटरप्राइज द्वारा तैयार किए जाने वाले product को बेचने या फिर उसे कस्टमर तक पहुंचाने का काम इस डिपार्टमेंट के द्वारा किया जाता हैं। 

एंटरप्राइज और ट्रेडर्स में क्या अंतर है ? 

वैसे तो एंटरप्राइज और ट्रेडर्स दोनों का ही काम माल खरीदने और बेचने का होता है, लेकिन दोनों में काफी अंतर होता है। जैसे –

  • ट्रेडर्स के काम का संचालन छोटे स्तर पर होता है जबकि एंटरप्राइज बड़े स्तर पर काम करते हैं। 
  • ट्रेडर्स के काम करने का कोई फॉर्मल स्ट्रक्चर नहीं होता है पर एंटरप्राइज के काम करने का फॉर्मल स्ट्रक्चर होता है। 
  • ट्रेडर किसी भी तरह के hierarchical management system को फॉलो नहीं करता है जबकि एंटरप्राइज के काम का संचालन ही hierarchical management system में होता है। 
  • ट्रेडर्स अपने काम में माहिर होता है लेकिन एंटरप्राइज को चलाने के लिए बहुत से लोगों की जरूरत पड़ती है।  

एंटरप्राइज़ को शुरू करने के लिए क्या चाहिए होता है?

एंटरप्राइज शुरू करने के लिए एक अच्छा आईडिया, निवेश करने के लिए पैसे, बिजनेस प्लान, मार्केट रिसर्च की जरूरत पड़ती है। कोई भी एंटरप्राइज ऐसे ही शुरू नहीं हो जाता है। रिसर्च में ऐसा देखा गया है कि 1 साल में जितने भी एंटरप्राइज शुरू होते हैं उनमें 10 में से 5 एंटरप्राइज पहले साल में ही बंद हो जाते हैं। लेकिन जो लोग अपने एंटरप्राइज को शुरू करते समय ऊपर बताई बातों पर ध्यान देते हैं। समय-समय पर अपने बिजनेस में innovation करते हैं, अपने बिजनेस के cost को कम करके Profit generate करने में ध्यान देते हैं उनका ही बिजनेस सफल होता है। 

Enterprise की सक्सेस के लिए क्या क्या स्टेप्स फॉलो करने होते हैं?

एंटरप्राइज के सक्सेस लिए ऑर्गनाइजेशन के मालिक को कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता हैm जैसे मार्केट रिसर्च, अच्छी प्लानिंग, कस्टमर सेटिस्फेक्शन और रिस्क मैनेजमेंट। जब कोई व्यक्ति एंटरप्राइज स्थापित करने से पहले मार्केट को सही तरीके से रिसर्च करता है, अपने व्यवसाय को चलाने के लिए अच्छी प्लानिंग करता है, प्रॉफिट कमाने से ज्यादा अपने कस्टमर के सेटिस्फेक्शन पर ध्यान देता है तब जाकर उसका व्यवसाय सफल होता हैं। इसके अलावा एंटरप्राइज के लिए बिजनेस के रिस्क को कम करना भी जरूरी हैं। 

Enterprise Meaning in Hindi Video 

Conclusion 

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आप को Enterprise meaning in hindi  के बारे में बताया है। साथ ही आपको एंटरप्राइज के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की हैं, मुझे उम्मीद है कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप को Enterprise के बारे में सब कुछ समझ आ गया होगा। अगर आर्टिकल पढ़ने के बाद भी आपके मन में किसी तरह का कोई सवाल है, तो आप अपना सवाल कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो, तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। 

FAQs

Q : इंटरप्राइजेज का हिंदी में क्या मतलब है?

Ans : एंटरप्राइज का हिंदी में मतलब प्रतिष्ठान होता है। 

Q : एंटरप्राइज कंपनी क्या करती है ? 

Ans : एंटरप्राइज कंपनी अपने कस्टमर को प्रोडक्ट बेचकर पैसे कमाती हैं। 

Q : एंटरप्राइज की सफलता के लिए क्या जरूरी है?

Ans : एंटरप्राइज की सफलता के लिए कस्टमर सेटिस्फेक्शन, इनोवेशन और प्रॉफिट जेनरेशन जरूरी होती है। 

Q : एंटरप्राइज़ में निवेश करने से क्या फ़ायदा होता है?

Ans : एंटरप्राइज में निवेश करने से आप को किसी के लिए काम करने की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि आप अपने मालिक खुद ही होते हैं और प्रॉफिट जनरेट करके पैसे कमाते हैं। 

Q : Enterprises में नौकरी के अवसर क्या होते हैं?

Ans : एंटरप्राइज में आप को प्रोडक्शन, मैनेजमेंट, मार्केटिंग, सेल्स, फाइनेंस और ऑपरेशन डिपार्टमेंट में से किसी भी डिपार्टमेंट में नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। 

Q : Enterprises में रिस्क क्या होते हैं?

Ans : एक एंटरप्राइज को कई तरह के रिस्क का सामना करना पड़ता है जैसे महंगाई, आर्थिक मंदी, बिजनेस में नुकसान, कंपटीशन इत्यादि।‌

Q : एंटरप्राइज को रजिस्टर करने का क्या प्रोसेस होता है?

Ans : एंटरप्राइज को रजिस्टर करने के लिए आपको सबसे पहले अपने बिजनेस का नाम रजिस्टर करना होता है, फिर आपको लीगल डॉक्यूमेंट तैयार करने पड़ते हैं। 

Leave a Comment