Intraday Trading in Hindi | Intraday Trading Tips in Hindi | Intraday Trading Kya hai | Intraday Trading kya hota hai
अगर आप ट्रेंडिंग करते है या फिर ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपने इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में जरूर सुना होगा। क्योंकि जो लोग ट्रेडिंग करते हैं उनके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में पता होना जरूरी होता है। क्योंकि कुछ लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग बहुत फायदेमंद होता है तो वही कुछ लोग इंट्राडे ट्रेडिंग को गलत समझते हैं। ऐसे में अगर आपको पता नहीं होगा कि इंट्राडे ट्रेडिंग करना सही है या नहीं, तो आप को इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए या नहीं आप यह फैसला नहीं ले पाएंगे। इंट्राडे ट्रेडिंग में एक दिन में stocks खरीदना और बेचना शामिल है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर में पैसे निवेश नहीं किए जाते हैं बल्कि stocks के बढ़ते घटते price को देखकर प्रॉफिट कमाने के लिए शेयर्स खरीदकर बेचा जाता है। अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में ज्यादा जानकारी पाना चाहते हैं तो Intraday trading in Hindi, इस पोस्ट को पढ़ें।
Intraday Trading In Hindi | Intraday Trading क्या है ?
अनुक्रम
इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब होता है एक दिन में किए जाने वाला ट्रेडिंग! इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है। इस तरह के ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर मार्केट से शेयर खरीद कर बेचा जाता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के अंदर मार्केट बंद होने से पहले ही ट्रेंडर को अपना शेयर बेचकर हटाना होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग ज्यादा लाभ कमाने के उद्देश्य से की जाती है।
क्योंकि इस ट्रेडिंग में शेयर खरीदना और बेचना दोनों साथ-साथ होता है इसीलिए ट्रेडर को मार्केट पर नजर रखनी पड़ती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में काफी जोखिम होता है पर ट्रेडर को जोखिमों को समझते हुए ट्रेडिंग करना पड़ता है।
जैसे मान लीजिए आप ने किसी कंपनी के शेयर्स को ₹800 में सुबह 9:00 बजे खरीदा और आप देख रहे हैं कि दोपहर 2:00 बजे उस शेयर की प्राइस बढ़कर 1500 हो गई है तो आपको उस शेयर को समय उसे बेच देना है। ऐसा करने से आप बिना कुछ किए ही ₹700 की प्रॉफिट कमा लेंगे और अगर आप कंपनी की 10 शेयर भी खरीदते हैं तो आपको ₹7000 का फायदा होगा।
Intraday Trading का फायदा क्या है ?
अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको निम्नलिखित फायदे होंगे
- Leverage की सुविधा
स्टॉक मार्केट में लेवरेज बिल्कुल बैंक लोन के जैसा होता है। लेवरेज के अंदर इंट्राडे ट्रेडर को कम पैसे पर बड़े पोजीशन को कंट्रोल करने का मौका मिलता है। ब्रोकर आमतौर पर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए काफी अच्छा प्रॉफिट प्रदान करते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग के अंदर ट्रेडर तब ज्यादा पैसे निवेश करते हैं जब मार्केट कम प्राइस पर ऊपर नीचे करता है। जिसकी वजह से उन्हें अपने पैसों का लेवरेज लेने का मौका मिलता है।
- Overnight risk का कम होना
स्टॉक प्राइस पल पल बदलते रहता है, जिस वजह से ट्रेडर के ऊपर पैसे डूब जाने का खतरा हमेशा बना रहता है। लेकिन जब कोई ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग करता है तो उसे रात में स्टॉक मार्केट की चिंता नहीं रहती है। क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग में पोजीशन दिन में ही बंद हो जाता है और एक बार बाजार बंद होने के बाद स्टॉक मार्केट का कोई भी नेगेटिव न्यूज़ इंट्राडे ट्रेडिंग को प्रभावित नहीं करता है।
- बेचों पहले खरीदो बाद में
वैसे तो ज्यादातर ट्रेडर पहले stock खरीदते हैं फिर उसे बेचते हैं, लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेंडर को शेयर खरीदने से पहले बेचने का मौका मिलता है। जिससे आप मंदी के समय भी ट्रेड करके प्रॉफिट कमा सकते हैं।
- ज्यादा प्रॉफिट कमाने का मौका
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेंड को डिलीवरी ट्रेडिंग के मुकाबला ज्यादा पैसे कमाने का मौका मिलता है क्योंकि इसमें ट्रेडर कम कीमत पर स्टॉक खरीद कर मार्केट में प्राइस बढ़ने पर उसे बेचकर लाभ कमा सकते हैं।
- तेजी और मंदी दोनों में फायदा
इंट्राडे ट्रेडर के पास तेजी और मंदी दोनों ही मार्केट में प्रॉफिट कमाने का मौका होता है। जब मार्केट तेजी पर होता है तो इंट्राडे ट्रेड कम कीमत पर स्टॉक खरीद लेते हैं। लेकिन मंदी के मार्केट में वह हाई प्राइस पर शॉर्ट सेल करके प्रॉफिट कमाते हैं।
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Intraday trading का नुकसान क्या है ?
इंट्राडे ट्रेडिंग के जहां इतने फायदे हैं वहीं इसके नुकसान भी है और अगर आप इसके नुकसान को नहीं जानेंगे। तो इंट्राडे ट्रेडिंग करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
- इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसमें समय काफी लगता है।
- ट्रेंडर को लगातार मार्केट को ट्रैक करना पड़ता है। ट्रेडिंग में एक सेकंड की गलती लाखों का घाटा करा सकती हैं।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेंडर को एग्रेसिव होकर पैसे लगाने पड़ते हैं। इसलिए जो नए ट्रेडर होते हैं, उन्हें शुरुआत में काफी नुकसान हो जाता है।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में काफी हाई ब्रोकरेज फीस देनी पड़ती है।
Intraday trading और delivery trading में क्या अंतर है ?
इंट्राडे ट्रेडिंग और डिलीवरी ट्रेडिंग वैसे तो ट्रेडिंग के अंदर ही आते हैं, पर इन दोनों में काफी अंतर होता है। जब आप शेयर मार्केट में किसी कंपनी का शेयर खरीदने हैं पर आप उसे शेयर को उस दिन नहीं बेचते हैं। तो वो शेयर आपके Demat account में क्रेडिट हो जाता है।
जिसे आप बेचने से पहले अपने शेयर्स को जितने दिनों के लिए चाहे उतने दिनों के लिए, महीनों के लिए या फिर हफ्तों के लिए होल्ड करके रख सकते हैं। इस पूरे समय में आपके शेयर्स पर आपका अधिकार होगा।
अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो उसमें बहुत ज्यादा रिस्क होता है लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में रिस्क इंट्राडे के मुकाबले काफी कम होता है। डिलीवरी ट्रेडिंग के अंतर्गत कंपनी के शेयर्स खरीदने के लिए आपको काफी पैसे निवेश करने की जरूरत पड़ती है पर इंट्राडे ट्रेडिंग के अंदर आपको ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं पड़ती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के जोखिम
इंट्राडे ट्रेडिंग में निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करके लाभ कमाने का काफी बड़ा मौका मिलता है, इसलिए निवेदक इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान बहुत सारे स्टॉक में पैसे लगा देते हैं। पर जितने स्टॉक्स में वो पैसे लगाते, उनका जोखिम भी उतना ही अधिक बढ़ जाता है जिससे पैसे डूबने का खतरा लगातार बना रहता है। अगर निवेशक मार्केट के उतार चढ़ाव से घबराकर कोई फैसला ले लेते हैं तो इससे भी उनका पैसा डूब जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग किसे करनी चाहिए ?
इंट्राडे ट्रेडिंग उन लोगों को करना चाहिए जो अपना सारा समय से ट्रेडिंग पर देते हैं। एग्रेसिव ट्रेडिंग करने वाले लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग सही है, पर जो लोग हर समय शेयर मार्केट के ग्राफ पर अपनी नजर गड़ा कर नहीं रख सकते है इंट्राडे ट्रेडिंग उनके लिए नहीं हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग करके लाभ कमाने के लिए ट्रेंडर को स्टॉक एनालिसिस करना, मार्केट graph को चेक करते रहना जरूरी है।
निष्कर्ष
हम आपको यहाँ पर Intraday Trading in Hindi इस आर्टिकल के बारे में जानकारी दे रहे हैं न कि किसी निवेश की सलाह और Intraday Trading Tips मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं और शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं इसलिए किसी शेयर निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा