Mutual Funds vs Stocks in Hindi – 2024 में आपको किसमें निवेश करना चाहिए

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दोस्तों इस लेख में हम आपको बताएंगे Mutual funds vs Stocks in Hindi के बारे में तो चलिए  बात करते है  उन  निवेशकों की जो अभी तक नये है या फिर निवेश करने की शुरुआत के लिए सोच रहे हैं उनकी सबसे बड़ी दुविधा यह है कि निवेश कहां करें डायरेक्ट शेयर बाजार के स्टॉक खरीदे या फिर म्यूचुअल फंड  के माध्यम से निवेश करें तो चलिए समझते हैं कि निवेश किसमें करें हम बताएंगे सब पर समझना आपको है कि आपके लिए क्या बेस्ट है

Mutual Funds vs Stocks in Hindi

म्यूच्यूअल फंड और स्टॉक के बीच मुख्य अंतर यह है कि म्यूच्यूअल फंड का फंड आपको कई कंपनियों में निवेश का मौका देता है आप उस फंड की यूनिट खरीदते हैं और वह फंड कई कंपनियों में निवेश कराता है म्यूच्यूअल फंड में कई प्रकार के निवेश होते है जिसमे Sip, Onetime, tax saving आदि  का लाभ ले सकते है

जबकि स्टॉक में आप व्यक्तिगत उस कंपनी का स्टॉक खरीदते हैं जिस कंपनी को आप लिस्ट करते हैं और आप उन शेयर को खरीदकर आप उस  कंपनी के शेयर धारक बन जाते है 

1.म्यूच्यूअल फंड – Mutual funds

  • म्यूच्यूअल फंड में आप  फंड की यूनिट खरीदते हैं और वह फंड कई प्रकार की कंपनियों में निवेश कराता है जिससे आपका निवेश एक ही फंड  के द्वारा कई कंपनियों  में हो जाता है जिससे आपका नुकसान होने की संभावना काफी कम हो जाती है क्योकि कोई एक दो कम्पनी फेल हो सकती है सभी कम्पनिया नहीं इसलिए नुकसान नहीं हो पाता
  • म्यूच्यूअल फंड में पेशेवर प्रबंधक होते हैं जिनका काम फंड को मैनेज करना होता है जो कि फंड मैनेजर कहलाता है वह फंड के लिए स्टॉक, बॉन्ड  इत्यादि चुनता  रहता है वह फंड एक्टिवली मैनेज करता है जिस पर फंड का  प्रदर्शन निर्भर करता है
  • म्यूच्यूअल फंड में  आपको कुछ फंड इंडेक्स फंड भी मिलते हैं जिनको मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर की कोई आवश्यकता नहीं होती फिर भी यह फंड मार्केट के हिसाब से ग्रोथ  करते हैं
  • म्यूच्यूअल फंड में आपको लिक्विडिटी की सुविधा मिलती है यहाँ पर आप जब चाहे पैसा निकाल सकते है पैसे डाल सकते है सिर्फ टैक्स सेविंग फंड में ही लॉकिंग  होती है वह भी महज 3 साल के लिए होती है

नोट – म्यूच्यूअल फण्ड में भी लॉन्ग टर्म में मोटा पैसा कमाया जा सकता है सालाना 12 % से 18 % तक बड़े आराम से 

म्यूच्यूअल फंड के दोष (Disadvantages of Mutual Funds)

  • सभी प्रकार के म्यूच्यूअल फंड में कुछ फीस होती है जिसका भुगतान निवेशकों द्वारा किया जाता है
  • म्यूच्यूअल फंड में डायवर्सिफिकेशन को आमतौर पर म्यूच्यूअल फंड के सह एक फायदा माना जाता है लेकिन कुछ मामलो इसे नुकसान माना जा सकता है बड़े नुकसान से बचाने के लिए डायवर्सिफिकेशन तो बचाता है पर बड़े लाभ होने से भी रोकता है

2.स्टॉक मार्किट – Stock Market

  • स्टॉक खरीदने से सीधे आप कम्पनी से जुड़े जाते है और उस कम्पनी के शेयर धारक बन जाते है जिससे आपको सीधे कम्पनी के मुनाफे से सीधे आपको मुनाफा होता है 
  • आप यहाँ शेयर बाजार से काफी सारा लाभ कमा सकते है अपनी समझ से
  • शेयर मार्किट में कुछ कपंनियाँ शेयर धारको को तिमाही या वार्षिक लाभांश में आय वितरित करती है और कुछ कम्पनियाँ ब्याज भी देती है सलाना आधार पर
  • स्टॉक खरीदने के बाद आप कम्पनी के शेयर धारक बन जाते है जब कम्पनी सार्वजनिक रूप से आयोजित बैठक में निर्णय करती हैं तब आपको वोटिंग करने का अधिकार होता है

स्टॉक के दोष (Disadvantages of Stock)

  • जब आप किसी कम्पनी का शेयर खरीदते है तो उस कम्पनी के किस्मत के साथ जुड़ जाते है अगर वे गिरते है तो शेयर की कीमत कम होती है हमे नुकसान होता है और अगर कम्पनी डूब जाती है तो हमारे पैसो भी  डूब जाते है
  • यहाँ पर आपका पैसे म्यूच्यूअल फंड की तरह कई कम्पनियाँ में नहीं लग सकते है यहाँ पर डायवर्सिफिकेशन नहीं होता और यहाँ पर कम्पनियाँ चुन-चुन के स्टॉक खरीदने पड़ंगे यहाँ पर आपको रिस्क ज्यादा हो सकता है
  • यहाँ पर आपको डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा जिस पर आपको कई तरह के शुल्क चार्ज किये जाते है जैसे कि मेंटेनेंस चार्ज, अकाउंट खोलने की शुल्क वा आदि चार्ज लिए जाते है

निवेश किसमे करे

  1. जो निवेशक सेफ़ रहना चाहते है और उनके पास ज्यादा पैसे भी नहीं है उन्हें sip के माध्यम से म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना चाहिए व उनके पास जब थोड़े  पैसे एकत्रित हो जाते है तो म्यूच्यूअल फण्ड में  lumpsum में माध्यम से निवेश कर देना चाहिए
  2. अब जो निवेशक रिस्क ले सकते है उन्हें long term में स्टॉक में निवेश करना चाहिए वे उससे मोटा लाभ कमा सकते है

मैं आशा करता हूँ कि आपको हमारे द्वारा  दी गई  म्यूच्यूअल फंड vs स्टॉक मार्किट इन हिंदी  पर जानकारी पसंद आई होगी

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